इस आर्टिकल में हम डॉ० रामकुमार वर्मा का जीवन परिचय | Ramkumar Verma ka Jeevan Parichay पढेंगे, तो चलिए विस्तार से पढ़ते हैं डॉ० रामकुमार वर्मा जी का जीवन परिचय| Biography of Ramkumar Verma in Hindi –
विषय-सूची
डॉ० रामकुमार वर्मा का जीवन परिचय – (संक्षिप्त परिचय)
नाम | डॉ० रामकुमार वर्मा |
जन्म | सन् 1905 ई० |
जन्म – स्थान | गोपालगंज |
पिता | लक्ष्मीप्रसाद वर्मा |
माता | राजरानी देवी |
मृत्यु | सन् 1990 ई० |
रचनाएँ | चित्ररेखा, माँ का हृदय, इन्द्रधनुष आदि |
डॉ० रामकुमार वर्मा कविता को पूजा की वस्तु मानते थे। उनकी कविताओं में भौतिक श्रृंगार का अभाव है। उनको धारणा थी कि कवि को मनुष्यता का सन्देश प्रेषित करना चाहिए। इसी आदर्श का पालन उन्होंने अपनी रचनाओं में किया है। वे छायावादी काव्यधारा के प्रमुख गीतकार थे। उनकी रचनाओं में रहस्य, संस्कृति तथा प्रकृति के मोहक चित्र प्रस्तुत किए गए हैं।
जीवन-परिचय
डॉ० रामकुमार वर्मा का जन्म सागर जनपद (म० प्र०) के गोपालगंज ग्राम में सन् 1905 ई० में हुआ था। आपके पिता श्री लक्ष्मीप्रसाद वर्मा उप-जिला अधिकारी थे। वर्मा जी ने राबर्टसन कॉलेज, जबलपुर तथा प्रयाग में शिक्षा प्राप्त की। सन् 1929 ई० में एम० ए० (हिन्दी) की परीक्षा प्रयाग विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। प्रयाग विश्वविद्यालय में ही आपने अध्यापन कार्य किया। सन् 1940 ई० में आपको नागपुर विश्वविद्यालय ने ‘डॉक्टरेट’ की उपाधि प्रदान की।
हिन्दी के प्रोफेसर होकर आप सोवियत संघ और श्रीलंका भी गए। भारत सरकार ने ‘पद्मभूषण की उपाधि और हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने साहित्य वाचस्पति को उपाधि से आपको सम्मानित किया। आपकी कृतियों पर आपको ‘देव पुरस्कार’ तथा ‘कालिदास पुरस्कार भी प्राप्त हुए। सन् 1966 ई० में आपने प्रयाग विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष पद से अवकाश ग्रहण किया।
उच्च कोटि के कवि होने के साथ-साथ डॉ० रामकुमार वर्मा जी कुशल नाटककार भी थे। आप कबीर साहित्य के मर्मज्ञ थे। हिन्दी में एकांकी के डॉ० रामकुमार वर्मा जी जन्मदाता माने जाते थे।
माता-पिता
डॉ० रामकुमार वर्मा के पिता का नाम लक्ष्मीप्रसाद वर्मा था । श्री लक्ष्मीप्रसाद वर्मा उप-जिला अधिकारी थे। इनकी माता का नाम श्रीमती राजरानी देवी था।
मृत्यु
सन् 1990 ई० में डॉ० रामकुमार वर्मा जी की मृत्यु हो गई।
रचनाएँ
रामकुमार वर्मा जी बहुमुखी प्रतिभा के कलाकार थे। आपकी प्रमुख रचनाएं इस प्रकार है —
काव्य–
- चित्तौड़ की चिता
- रूपराशि
- चन्द्रकिरण
- वीर हम्मीर
- चित्ररेखा
- कुल- ललना
- निशीथ
- उत्तरायण
- अभिशाप
- आकाशगंगा
- अंजलि
- एकलव्य
आदि आपके प्रमुख काव्य पन्थ हैं।
नाटक–
- विजयपर्व
उपन्यास–
- माँ का हृदय
एकांकी–
- रेशमी-टाई
- पृथ्वीराज की आँखें
- दीपदान
- चारुमित्रा
- इन्द्रधनुष
- रजतरश्मि
- रूपरंग
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