हिंदी साहित्य को दो भागो में बाँटा गया है –
- गद्य साहित्य
- पद्य (काव्य) साहित्य
गद्य क्या है?
जो विचारपूर्ण एवं वाक्यबध्द रचना छन्द, ताल, लय एवं तुकबन्दी के बन्धन से मुक्त हो ‘गद्य‘ कहलाती है|
पद्य (काव्य) क्या है?
पद्य (काव्य) उस छन्दोबध्द एवं लयात्मक साहित्यिक रचना हो कहते है जो श्रोता या पाठक के मन में भावात्मक आनंद की सृष्टि करती है|
गद्य और पद्य (काव्य) साहित्य में अन्तर
गद्य | पद्य (काव्य) | |
1. | स्पष्ट वाक्य – विन्यास में बंधी विचारात्मक रचना गद्य कहलाती है| | भावप्रधान, गेय तथा लय – तुक में बँधी रचना पद्य (काव्य) कहलाती है| |
2. | वास्तव में गद्य का सम्बन्ध मस्तिष्क से है| | पद्य (काव्य) का सम्बन्ध ह्रदय से है| |
3. | गद्य के विषय विचार – प्रधान होते है| | पद्य (काव्य) के विषय भाव – प्रधान होते है| |
4. | गद्य में लेखक अपने विचारों को अभिव्यक्त करता है| | पद्य (काव्य) में कार्य की अनुभूति, उक्ति विचित्य संप्रेषणीय और अलंकार की प्रवृत्ति देखी जाती है| |
5. | गद्य में तर्क बुध्दि, विवेक, चिन्तन का अंकुश होता है| | पद्य (काव्य) में स्वतन्त्र कल्पना की उड़ान होती है| |
6. | गद्य में शब्द, वाक्य, अर्थ आदि सभी प्रायः सामान्य होते है| | पद्य (काव्य) में शब्द, वाक्य, अर्थ आदि सभी विशिष्ट होते है| |
7. | गद्य में विस्तार अधिक होने के कारण किसी बात को खोलकर कहने की प्रवृत्ति रहती है| | पद्य (काव्य) में किसी बात को संकेत रूप में ही कहने की प्रवृत्ति होती है | |
8. | गद्य में ययार्थ, वस्तुपरक और तथ्यात्मक वर्णन पाया जाता है| | पद्य (काव्य) में वर्णन सूक्ष्म, संकेतात्मक होता है | |
9. | गद्य में विरला ही वाक्य अपूर्ण होता है| | पद्य (काव्य) में विरला ही वाक्य पूर्ण होता है | |
10. | गद्य में व्याकरण के नियमो की अवहेलना नहीं की जा सकती | | पद्य (काव्य) में व्याकरण में नियमो पर विशेष ध्यान नहीं किया जाता है | |
11. | गद्य में बुध्दिपक्ष की प्रधानता होती है| तथा हृदय – पक्ष गौण होता है| | पद्य (काव्य) में ह्रदय – पक्ष की प्रधानता होती है | तथा बुध्दिपक्ष गौण होता है | |
गद्य और पद्य (काव्य) साहित्य में अन्तर – अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो आप कृपया करके इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप नीचे दिए गए Comment Box में जरुर लिखे ।
Bauyt achi jankari deya 👍👍
Thank you .. keep connected…